May 25, 2025
आम की बहार है छाई
देखो जहाँ इस अमराई में, अमिया की बहार है छाई।
कुहू-कुहू कर कोयल बोली, तोते ने भी टेर लगाई।।
फल से लदे वृक्ष को पाकर, सबके मन में खुशियाँ छाई।
चिकनी, कच्ची हरी अमिया, सबके मुँह में पानी लाई।।
कोई कहे अचार बनाऊँ, किसी ने लोंजी चटनी बनाई।
किसी ने कैरी पना बनाकर, सबकी गरमी दूर भगाई।।
पककर अमिया ‘आम’ बनी अब, मीठी-मीठी खुशबू लाई।

पीले-पीले पके आम से, वृक्ष ने स्वर्णिम आभा है पाई।।
जहाँ नज़र जाए बाज़ार में आम की कितनी किस्में आईं।
कहीं बादाम, लँगड़ा है तो, कहीं अलफांसों ने है धूम मचाई।।
आमरस, कलाकंद बना, तो किसी ने है आईसक्रीम बनाई।
पर ‘दशहरी’ आम की खुशबू पर, सबकी नीयत है ललचाई।।
फलों का ‘राजा’ नाम ‘आम’ है, फिर भी ‘खास’ प हचान बनाई।
रस से भरी ‘मिठास’ है मुझमें, फिर भी मिज़ाज में गर्मी पाई।।


Anju Dwivedi
Anju Dwivedi teaches Hindi in a renowned school in Ajmer. She takes pleasure in expressing her deepest thoughts, ideas and feelings through writing short stories, poems and shayari.





