Jun 26, 2024
संगीत
‘मधुर गायन और वादन सबके मन को लुभाता है
संगीत वो भाषा है जिससे मन तरंगित हो जाता है”।
संगीत जीवन के सभी रसों का सशक्त माध्यम है क्योंकि संपूर्ण प्रकृति का वातावरण संगीत की मधुर ध्वनि से आच्छादित है।नदियों की कलकल,झरनों का झरझर,पंछियों का मधुर कलरव, पूजा स्थलों व अन्य कार्यक्रमों पर गूँजती गीतों व वाद्य-यंत्रों की ध्वनि अपनी अनूठी छाप हृदय-पटल पर छोड़ देते हैं।जहाँ मुखर अभिव्यक्ति से तो हम अपने मनोभावों को गा कर प्रकट कर देते हैं वहीं वाद्य-यंत्रों में भी गज़ब की सम्मोहन शक्ति होती है। जैसे ढोल की धमाकेदार थाप बरबस थिरकने के लिए खींच लेती है तो वर्षा का आह्वान करते नगाड़ों की धुन वातावरण को सकारात्मकता से भर देती है वहीं दंगल प्रतियोगिता में गूँजे ये स्वर जीत का जोश भर देती है।राष्ट्रगान के समय बजने वाली धुन पूरे राष्ट्र को एकसूत्र करते हुए देश के सम्मान में खड़े रहकर गर्व से गौरवान्वित व रोमांचित कर देती है। जहाँ विवाह में गूँजे शहनाई के स्वर आनंदित करते हैं तो शहीदों की विदाई में गूँजे ये ही स्वर हमें अश्रुपूरित कर देते हैं।यही है गीत संगीत की अद्भुत महिमा जो हमें जीवन साहित्य के नौ रस की अनुभूति करवाता है और हमारे जीवन को रसमय बनाता है।


Anju Dwivedi
Anju Dwivedi teaches Hindi in a renowned school in Ajmer. She takes pleasure in expressing her deepest thoughts, ideas and feelings through writing short stories, poems and shayari.





